मैं हूँ पत्रकार Mavi।
मैं सच्चाई की तलाश में हूँ।
उस रात... हर रात जैसी नहीं थी।
लहरें शांत थीं, मगर उनमें कुछ जल रहा था — जैसे समंदर ने खुद साँस रोक ली हो।
हवा ने एक नाम फुसफुसाया — “जलपरी।”
लोग हँसे, मगर मैंने वो आवाज़ सुनी।
मुझे नहीं पता वो कौन थी...
पर एक दिन सब सुनेंगे।
क्योंकि कुछ सच्चाइयाँ पानी में भी जलती हैं।