बुराई के अंत के नाम पर,
लोगो ने सिर्फ पुतला ही जलाया,,,
हर तरफ सिर्फ जले ही जले पुतले,
कोई अपने भीतर का रावण न जला पाया,,,
ऐसा ही दशहरा,
हर साल आया,,,
पुतला जलाकर,
दो पल की खुशियां ही मनाया,,,
ना जाने कब वो दिन आएगा,,,
जब लोग समाज पुतले से पहले,
अपने आत्मा में छिपे रावण को जलाएगा,,,
🙏🚩 दशहरा की हार्दिक शुभ कामनाएं 🚩🙏
लेखक: नीलम साहू (काजू)