कच्चा फल पेड़ पर, सख्त और टिकाऊ,
सब मुंह बनाएं, दूरी बनाए, कोई हाथ न लगाए।
मीठा फल पकते ही गिरा, सबका मन भाए,
हर कोई उसे चखना चाहे, सबके हाथों में आए। 😜
कड़वा फल = पत्नी, भरोसेमंद, घर संभाले,
मीठा फल = प्रेमिका, सबके संग मस्ती में झोले। 😎
प्रेम का मीठा फल = सबके संग उड़ान भरे,
कच्चा फल टिके घर में, तूफ़ान में भी न हारे। 😂
पत्नी ही क्लेश की जड़ है, तो पौधा लगाया क्यों,
पौधे पर लगे कच्चे-पके फल, फिर कच्चा उठाया क्यों? 😂
कच्चा फल:
सख्त, टिकाऊ, बिना बाहरी ताकत के नहीं गिरता।
केवल आंधी, तूफ़ान, बच्चे या पक्षी तोड़ें तो टूटता है।
व्यंग्य: “कड़वा फल = पत्नी या पति, घर संभालने वाला, भरोसेमंद।”
टिकाऊ, स्थायी और मर्यादा में खड़ा।
पक्का/मीठा फल:
पकते ही गिर जाता है, टपक-टपक कर नीचे चला जाता है।
सबका हाथों में चला जाता है, तोता या बच्चे भी उठा लेते हैं।
व्यंग्य: “मीठा फल = प्रेमी-प्रेमिका, दिखावे वाले, सबके संग मस्ती करते, टिकते नहीं।”
आसानी से सबके संग चला जाता है, खुद ही गिर पड़ता है। 😜