इजहार हो जाने दो
इस इश्क़ अभी कुछ सुधार आने दो,
मुलाक़ातों में कुछ तकरार हो जाने दो।
तेरी आँखों का जादू असर ढाएगा,
इस दिल को पहले बीमार हो जाने दो।
तेरे हाथों की गर्मी से छू ले हवा,
चाहत का दरबार-ए-एलान हो जाने दो।
तेरे लब से कोई ग़ज़ल छू के गुज़रे,
मेरे दिल में वो सरगम उतार हो जाने दो।
तेरे काँधों पे सर रख के जी लें लम्हे,
इस ख्वाब का हक़ीक़त में विस्तार हो जाने दो।
तेरे आँचल की ख़ुशबू में बस जाऊँ मैं,
इस रूह का तुझसे कारोबार हो जाने दो।
फिर देखना मोहब्बत कहाँ तक पहुँचती है,
पहले दिल से दिल तक इजहार हो जाने दो।
DB-ARYMOULIK
1996 में लिखा गया