यत्र भयस्य समाप्तिः भवति तत्र वास्तविकजीवनं आरभ्यते 🌿
हम कितनी ही कोशिश कर लें — नए कदम उठाने की चाह हो, सपने बड़े हों — पर अगर हमारे अंदर का भय हमें घेरकर रखे रहता है तो आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। भय हमारी सबसे बड़ी दीवार है।
जब हम अपनी छोटी-छोटी चिंताओं और डर को पहचानकर उनका सामना करते हैं, तभी नयापन, अवसर और सच्चा अनुभव हमारे जीवन में आता है।