लिखूंगी सारी शिकायतें तेरी,
जो मुझसे कभी थी तुम्हारी,,,,,
मेरी गलतियाँ, तेरे चेहरे का वो गुस्सा,
फिर भी कर जाऊँगी तारीफ़ें तुम्हारी,,,,,
कभी आँसुओं में ढूँढूँगी तुझे,
कभी मुस्कानों में पा लूँगी तुझे,,,,
रिश्तों की इन खामोश गलियों में,
हर बार अपना बना लूँगी तुझे,,,,
- Manshi K