वो सफ़र पे निकला था, लौट कर आना था,
मगर हादसे ने हमें रुलाना था।
2. सड़कों पे बिखरा लहू और ख़्वाबों का रंग,
किस्मत ने लिख दिया दर्द निभाना था।
3. जिसको दुआओं से मैंने सँभाल रखा,
उसको कफ़न में ही अब सजाना था।
4. आईने में चेहरा भी रो पड़ा मेरा,
हर बार तेरी झलक ही दिखाना था।
5. तेरे बिना अब दिल को चैन कहाँ,
ज़ख़्मों को बस अश्कों से भिगोना था।
6. कब्र पर तेरी फूल रखे हैं मैंने,
इन गुलों से तेरा हाल बताना था।
7. ज़िंदगी का रंग अब फीका पड़ गया,
तेरे बिना सब जहाँ वीराना था।
8. रुक गई घड़ी उसी मोड़ पर आकर,
जिस मोड़ से तेरा गुज़र जाना था।
9. मेरे सवालों का जवाब न मिला,
क्यों तेरा नसीब यूँ मिट जाना था।
10. हर शेर में तेरा ज़िक्र आता है,
ग़ज़ल में तेरा ही अफ़साना था।
11. लोगों ने पूछा, "अब भी इंतज़ार है?"
मैंने कहा, "दिल को धोखा खिलाना था।"
12. ख़्वाबों में तेरा चेहरा मुस्कुराता है,
हक़ीक़त में तो बस ख़ामोशी पाना था।
13. सड़क पे बिछ गए अधूरे क़िस्से,
मुझे अकेले ही अब निभाना था।
14. काश उस रोज़ मैं रोक लेता तुझे,
पर लिखा क़िस्मत में ठहर जाना था।
15. इश्क़ ने दी है मुझे ये तन्हाई,
अब "क़बीर" हर शेर से ग़म सुनाना था।