मैं और मेरे अह्सास
अंतरंग संबंध
प्राकृति और हमारे बीच अंतरंग संबंध बहुत गहरा हैं l
क़ायनात में हर जगह इन्द्रधनुष का रंग
लहरा हैं ll
आँखों में उनका चेहरा और साँसों में उनकी सुगंध l
जिंदगी में वो हसीन लम्हा वहीं का वहीं ही ठहरा हैं ll
"सखी"
दर्शिता बाबूभाई शाह