“वो कागज की कश्ति “
“ये दौलत भी ले लो,
ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी
जवानी मगर मुझको लौटा
दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती,
वो बारिश का पानी
ये दौलत भी ले लो,
ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे
मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो
बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती,
वो बारिश का पानी
वो काग़ज़ की कश्ती,
वो बारिश का पानी
🥵
- Umakant