जग की अनोखी प्रथम प्रेम कहानी,
श्मशान के राजा के लिए
महलों को छोड़कर आई एक रानी।
सावन में आई उनके मिलन की घड़ी,
शादी का दिन कहलाया शिवरात्रि।
अगर करो मोहब्बत तो करो शिव जैसी,
आदि शक्ति सती हर रूप में स्वीकार थी पार्वती।
नियति को मंजूर थी शिव शक्ति की भी जुदाई,
तांडव किया फिर शिव ने तीनों लोकों में प्रलय आई।