"बचपन"
- कौशिक दवे
एक दिन दोस्त ने पूछा
बचपन क्यूं छोटा होता है?
बचपन दस साल का,
बुढ़ापा क्यूं लंबा होता है?
जवानी जाती है जल्दी जल्दी
बुढ़ापे में याद क्यूं आती है?
धीरे धीरे बुढ़ापे में भूलते जाते हैं
बुढ़ापे में बचपन क्यूं याद आता है?
दोस्त की बातें सुनकर
मैंने हंसते हुए कहा
जवानी तो जल्दी जल्दी जाती
जवानी में बचपन नहीं याद आती
यादों के ढेर में बुढ़ापे में रहते
अपने बचपन को याद करते रहते
बच्चों का बचपन याद करते रहते
पोते पोतियों को खेलते देखते
इसलिए हमें बचपन याद आता
हमारी भूलों का एहसास होता
भूल से भी बच्चों को पीटा न करों
शरारत हमारी याद किया करों
ठंडे दिमाग से जिया करों
हमारे बचपन को याद किया करो
- कौशिक दवे