वैसे तो मुझे मदर्स डे मनाना पसंद नहीं,
क्योंकि एक दिन उन्हें याद करके
बाकी 364 दिन भूल जाना,
मुझे बहुत अजीब लगता है।
माँ तो वो एहसास हैं,
जो हर सांस में होती हैं,
हर पल हमारे साथ होती हैं।
फिर भी, आज का दिन
उनके नाम कुछ शब्द कहने को मजबूर करता है,
दिल की गहराइयों से निकली ये पंक्तियाँ
सिर्फ एक कोशिश हैं... माँ को समझाने की।
माँ,
तू थक जाए तो भी मुस्कुराती है,
तेरे आंचल में सुकून की छाया है।
तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
तू साथ हो तो हर रास्ता आसान लगता है।
तेरी डांट में भी दुआ छुपी होती है,
तेरे हाथ की रोटियों में जन्नत बसी होती है।
तू कभी 'थैंक यू' नहीं मांगती,
पर हम हर खुशी तेरे नाम कर देना चाहते हैं।
माँ,
तू हर दिन की हकदार है,
सिर्फ एक दिन की नहीं।