तुम मेरे लिए वो अंधा कुआं हो जो बाहर से बहुत उजाला और ठंडक देने वाला लगता वो चांद की रोशनी में एक उम्मीद सा दिखता है के यहां प्यास बुझेगी । पर जब उस कुएं में गिर जाते है तब समझ आता है के वो तो खुद सुखा है। मैं तुममें खोती जा रही हु ये गहरा कुआं है जिसका अंत पता नहीं कहा है इससे निकलने का कोई रास्ता नहीं है। मैं जितनी कोशिश करूं मैं तुमसे निकल नहीं पाती । तुम्हारी आंखे , तुम्हारी आवाज मुझे गिरफ्त में लिए हुए है । हम सोचते है दूरियां लोगो को दूर कर देती है पर ये उनके लिए काम करता है जो उसे दिल में बसाए ना हो। अगर वास्ता दिल से हैं तो ये आपके खामोश होने पर भी बार बार पुकार करता है, बार बार वो चेहरा वो आवाज दोहराता है। आपके साए की तरह जिसको आप हटा नहीं सकते आप जितना हलचल करोगे वो उतनी नई आकृति बना के आपके सामने आएगा ।