सुना है कि मुस्कान भी अजीब होती है,
देखने में अजीब नहीं होती, ये भी सही होती है।
हर चेहरे की अपनी कहानी बुनती,
कभी खुशी की महीन धारा, कभी गहरी चुप्पी होती है।
मुस्कुराने की वजह क्या होती है?
तुम हंसती हो, तो हसीन दिखती हो,
जैसे चाँद ने झील में अपने रूप को ढलकी हो।
तेरी हंसी में बसी है कोई जादू की बात,
तेरे मुस्कुराने की वजह क्या होती है?
मन में मुस्कान, थोड़ी-सी मुस्कान,
खुद से मिलती हो, जैसे चिड़िया गाए नया गान।
बस एक चुप्पी सी, मुस्कुराने की वजह ढूंढती है?
तेरे मुस्कुराने की वजह क्या होती है?
क्योंकि मुस्कान की आवाज़, कभी न सुनाई देती है,
नज़र से ही होती है, वो किस्से सुनाती है।
एक हल्की-सी छाप, दिल पर लगती है,
सुना है कि मुस्कान भी अजीब होती है!
मुस्कान कैसी होती है?
एक किताब के पन्ने-सी होती है?
या खिलें हुए गुलाब जैसी होती है?
मुस्कुराने की वजह क्या होती है?
तो हंसो, क्योंकि यह वक्त की मिठास है,
हर हास्य की लहर, एक नई आस है।
मुस्कान से भरा हर दिल,
जीने की तमन्ना ही मुस्कुराने की वजह होती है!
- कौशिक दवे
- Kaushik Dave