दर्द बहुत है शब्द कम है
इंसानियत के दुश्मन यहाँ
जाने कब विश्वासघात हो जाएं
बचना मुश्किल सारे जहाँ.
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रोगों का इलाज है संभव
दिग्भ्रमितों का इलाज कहाँ
जाने कब बिक जाए मानवता
कुछ चंद मोरों के,इतिहास यहाँ
कुछ सोचो,अब रूक भी जाओ
मानवता ही जन्नत है,
इससे बढकर स्वर्ग कहाँ.
डॉ अनामिका