दस्तूर है दुनिया का
मदद कर भूल जा,
उम्मीद न रख,
न आयेगा कोई,
न मदद करेगा कोई,
आजमा खुद को,
कई हजार बार है, फिर भी मदद के लिए भागा जाता है,
यही है बस इस दिल की दस्ता, के मदद कर और भूल जा,
ये न सोच के कोई तुम्हारे बुलाने पर आएगा, तुम्हारी मदद के लिए, तू मदद कर और भूल जा....