भीड-भाड के इलाके में
वो खामोशी सी चलती है
मन में है लाखों उलझन
पर किसी से कुछ न कहती है।
किसे बताये किसी सुनाए
ये प्रेम की जो कहानी है
कही वो भी बदनाम न हो जाए
जिसकी इज्जत की ठानी है।।
उसकी खुशियों की खातिर मैनें
खुद को यूँ बदनाम किया
उसे मिले सम्मान सदा
वो जिसका जीवन साथी है।।
मीरा सिंह