कहते है, कि काली शक्तियाँ जिस्म को ख़ाक कर देती है, लेकिन रूह को छू भी नहीं पाती। ऐसी ही दास्तां को बयां करती होई यह कहानी एक बड़ी लड़की वैष्णवी की है जिसे एक छोटे लड़के अर्जुन से प्यार हो जाता है। कालकेतु जो अन्धकार का राजा था। वह अपनी काली शक्तियों से लोगों को तिलस्मी आईने में कैद कर देता था। तभी एक दिन उसकी नजर वैष्णवी पर पड़ी और वह वैष्णवी को अंधकार की रानी बनाने का सपना देखने लगा। फिर अचानक ऐसा हुआ जो ना कभी सोचा गया था एक बार एक बच्चा वहां पर आया उस बच्चें में दैवीय शक्तियाँ थी। उस बच्चें को आभास था। और वह उस शहर को कालकेतु की काली छाया से बचाने आता है और कालकेतु अर्जुन को एक मायावी दुनिया में भेज देता है और उस मायावी दुनिया से किसी का आना नामुमकिन है। क्या वैष्णवी अर्जुन को उस दुनिया से बाहर निकाल पाएगी? जानने के लिए पढ़ते रहें "kaala saaya ek rahasy"