ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
काई साल से कुछ खबर ही नहीं
काई साल से कुछ खबर ही नहीं
कहां दिन गुजारा कहां रात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
उजालों की परियां नहाएं लागीं
उजालों की परियां नहाएं लागीं
नदी गुनगुनाई ख़यालात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात है
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई
मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई
ज़बान सब समझते हैं जज़्बात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
सितारों को शायद खबर ही नहीं
सितारों को शायद खबर ही नहीं
मुसाफिर ने जाने कहाँ रात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात है
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
बड़ी आराज़ू थी मुलाक़ात की
💕
सौजन्य: बशीर बद्र
- Umakant