✤┈SuNo ┤_★_🦋
ये फलाना डे, ढेकाना डे, वालों से
मुझे सख्त नफरत है,
न ये हमारी संस्कृति है न सभ्यता है
तो क्या इसकी जरूरत है,
छोड़ दे तू फिजूल है ये सब, तेरी
सारी इश्क बाजी बेगैरत है,
न मरते काम आएगा, न जीते तो
क्या इसकी जरूरत है,
जिसे समझ रहे हो साथी, वो सब
छल-कपट मिट्टी की मूरत है,
कर ले मां-बाप से प्रेम, वही सच्चे
प्रेम की सूरत है,
याद रख एक दिन पछताना पड़ेगा
फिर आंसू बहाना पड़ेगा
गर अवगत हो इन बातों से तो फिर,
क्या इसकी जरूरत है..🤔
╭─❀🥺⊰╯
✤┈┈┈┈┈★┈┈┈┈━❥
@LoVe_AaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
✤┈┈┈┈┈★┈┈┈┈━❥