यादों के झरोखों से मैं जब तुम्हें देखती हूं 
तो लगता है जैसे वह पल वहीं थमसा गया हो 
कभी-कभी उन यादों के सहारे न जाने कहां से वह जीने की ऊर्जा मिल जाती है मुझे 
जो मुझे चाहिए जिसकी मुझे जरूरत है इस वक्त 
काश वो यादें वर्तमान ही हो ना हो वह भूतकाल 
कभी-कभी यह ज़हन में ख्याल भी आता है 
और मैं फिर से उन यादों की बदौलत जीवन में फिर से एक नई गति प्राप्त करती हूं उन यादों के झरोखों से...
२९/०७/२२
०४:०५ AM
 - Bindu