मायका अब अपना नहीं, पराया सा लगता है, बचपन की यादें, अब धुंधली सी लगती हैं।
घर तो है अपना, पर घर जैसा नहीं लगता,
मायके का आँगन, अब उजाड़ा सा लगता है।क्यों बदल गया है सब कुछ, क्यों लगा है ये सफर?
क्या ये है जिंदगी का नियम, या फिर मेरा ही गरूर?
मायके का प्यार, अब दूर सा लगता है,
मन में एक खालीपन सा, हमेशा रहता है।
- Little Angle