🙏🏻एक शाम उनके नाम🙏🏻
चेहरे पर मुस्कान लिए,
सबको हंसते हंसाते हो।
मक्खन मलाई जैसी बातों से,
दिल में जगह बनाते हो।।
अपने शानदार व्यक्तित्व से,
रिश्ते बखूबी निभाते हो।
मिष्ठान से भी मीठी वाणी से,
रूठों को भी मनाते हो।।
दूर कोई नहीं रह सकता,
इतनी कला कहां से लाते हो।
भिन्न मस्तिष्क,भिन्न विचारधारों से,
कैसे सामंजस्य बैठाते हो।।
अपने बुध्दि,विवेक के बल से,
सहजता से बात कह जाते हो।
क्या राज है इस राज का,
हर व्यक्तित्व पर ऐसे छाते हो।।
किरन झा (मिश्री)
- kiranvinod Jha