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जीवन चक्र चलता ही रहता, कब आ जाए दुखों का दंगल। सुख की घड़ियां जब हैं आती, हो जाता तब,मंगल ही मंगल।। मिश्री - kiranvinod Jha
अब तो सबकी तारीफें भी,लगती है झूठ। राम राम सबसे बोलो,राम राम को लूट।। मिश्री - kiranvinod Jha
जिसे चाहा था बेहद,वही हदें सिखा गया। एक पल में छोड़कर,आईना दिखा गया।। मिश्री - kiranvinod Jha
उम्मीद लगाना,तो ईश्वर से लगाओ। इंसानों से आस, क्यों लगाना। भ्रम जल्दी ही तोड़ देते इंसान, बाद में पड़ता है,फिर पछताना।। मिश्री - kiranvinod Jha
विपरीत परिस्थितियां देखकर, मन तू जरा भी न घबराना। हृदय वास जब प्रभु का होगा, थामें रहेंगे, सदेव मेरे कान्हा।। सुप्रभात मिश्री - kiranvinod Jha
मृदुल स्वभाव शीतल कर जाए, बिच्छू स्वभाव हमेशा डंक मारे। ख्वाब देखें जो मिलजुल रहने के, पर डंक वाणी से,हो जाएं न्यारे।। मिश्री - kiranvinod Jha
कितना कुछ पा सकते थे हम दोनों प्रेम में, किंतु हम दोनों ने पाया। प्रेम में इक दूजे से दूर रहना, बेबस होकर आँखें मूँद सब सहना, रो रो कर जीवन के हर क्षणों व्यतीत करना, भीतर बिछोह की पीड़ा को मुस्कुरा कर सहना, कितना कुछ पा सकते थे… हम दोनों…पर हमने चुना दूर रहना💔 Skm ❤️ - kiranvinod Jha
खामोशी ऐसी छा गई,जैसे पकड़ी हो कोई चोरी। शब्द देखो कैसे मौन हो गए,टूट गई हो जैसे डोरी।। मिश्री - kiranvinod Jha
लोग अपनी मधुर बातों से, अपना हाले दिल बता देते। कौन किसके लिए क्या है, उपस्थिति से दिखा देते।। मिश्री - kiranvinod Jha
जब कोई अपना याद करे,तब आती है हिचकियां। याद करें पर सामने न हो,तब आती हैं सिसकियां।। मिश्री - kiranvinod Jha
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