बात दिल की मत छुपा लड़के मर गए है खुद से ख़फ़ा लड़के
देख कर मुझको कह रही थी वो होते है याँ सब बे वफ़ा लड़के
तैश में साहब ने कह दिया अब तो है नहीं तनख़ा इस दफ़ा लड़के
अब दुआ ही माँ को बचा सकती है महंगी इतनी दवा लड़के
जेब में ग़र पैसा नहीं है तो क्या करेगी दुनिया तेरा लड़के
बाल छोटे रख कहते थे बाबा वरना लग जाएगी हवा लड़के
देखता है पंखे को तू क्यूँ पागल तू बता मुझको मसअला लड़के
जाल उसके गहरे है संभल कर खूबसूरत सी है क़ज़ा लड़के
कभी हम से कभी गैरों से शनासाई है! बात कहने की नहीं, तू भी तो हरजाई है!
इतना गुण तो है इसलिए तो भीड़ से अलग है