नजरों से दूर , नज़रों से खफा
खुद से दूर एक दिन आंसुओं में समा जाऊंगी
पहली दफा , शब्दों का नशा
कुछ अधूरे शब्दों में छोड़ जाऊंगी.....
यादों की कहानी , कुछ मेरी निशानी
अतीत के भरोसे अपने पीछे छोड़ जाऊंगी
सन्नाटे में घुलती एक सिसकी, चेहरे की खामोशी
अपनों के बीच चंद लम्हों के लिए छोड़ जाऊंगी.....
बिछड़ते लम्हों का दर्द , कुछ अपनों का कर्ज
उम्मीदों का जलता दीप भी बुझा जाऊंगी
सताई रातों की नींदें , कुछ आंखों से ओझल सपने
मुस्कुराते हुए एक दिन छोड़ जाऊंगी ...
नजरों से दूर , नज़रों से खफा
खुद से दूर एक दिन आंसुओं में समा जाऊंगी.
- M