वक़्त ने किया …..
वक़्त ने किया क्या हसीं सितम
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम
बेकरार दिल तरह तरह है
जिस तरह कभी हम जुदा न थे
तुम भी खो गये, हम भी खो गये
एक राह पर चल के दो कदम
जाएंगे कहां सुझाता नहीं
चल पड़े मगर रास्ता नहीं
क्या तलाश है कुछ पता नहीं
बन रहे हैं दिल ख्वाब दम-ब-दम
🥵
- Umakant