वो मुझे छोड़ कर,रोता हुआ चले गए
एक बार मूड कर भी नहीं देखा
जो अक्सर कहा करते थे
jaan तुम्हे मेरी कसम
जो कभी आँखों मे आंशू लाए
या कभी खुद को अकेला समझा
मैं हूँ ना....
उफ्फ्फ्फ़.....
तुम्हारी बातें, तुम्हारा एहसास
मुझे जीने नहीं दे रहा
मैं खामोश होगयी
जो अक्सर उनके सामने एक बच्चा हुआ करती थी
उन्होंने मुझे समझदार बना दिया
और कहते हैँ खुश रहना jaan
- SARWAT FATMI