“प्यार कोई बोल नही, प्यार आवाज़ नही
एक खामोशी है, सुनती है कहा करती है
ना ये बुझती है, ना रुकती है, ना ठहरी है कही
नूर की बूँद है, सदियों से बहा करती है
सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से मेह्सूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखो की महेकति खुश्बू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है
❤️
- Umakant