आज एक दूसरे से नाराज होकर भी मुस्कुराए क्या ?
कोई वजह पास न भी हो तो वजह ढूंढ लाए क्या ?
यूं कहने को बहुत सी बातें है मेरे पास
सुनने को राज़ी हो आप तो कह दूं क्या ?
माना वक्त की पाबंदी है कुछ अलग अंदाज़ में
फिर भी कोरे कागज़ पर बिखरे शब्दों को जोड़ कुछ सुनाऊं क्या ?
कुछ तो बोलो आप मैं सुनने को बेचैन सी हूं
लब्जों में शब्दों को समझ न पाऊं तो
इशारों में मुझे समझाओगे क्या ?
आज एक दूसरे से नाराज होकर भी मुस्कुराए क्या ?
Manshi K