आज मुस्कुराऊंगी मैं चांद को देख
थोड़ी सी शरमाते हुए....
रात की अनकही लम्हों में कुछ अधूरी जज्बातों को लिए
हां, बेखौफ मुस्कुराऊंगी मैं किसी की यादों को लिए....
थोड़ी सी ख़ामोशी और होठों पर जिक्र लिए
आंखों में धुंधली मगर पूरी तस्वीर को लिए
आज चांद से नजरे मिलाउंगीं मैं
किसी को अपना बता ख्यालों में लिए
हां, आज मुस्कुराऊंगी मैं चांद को देख
थोड़ी सी शरमाते हुए....
Manshi K