शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा पर महारास उत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है वृन्दावन धाम में। राधे कृष्णा जी के चरणों में महारास महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
वृन्दावन नगरी सज जाती है फूलों से
सारी। राधे कृष्णा जी का फूलों से श्रृंगार करते हैं वृन्दावन वासी संग सारे नर नारी।
अद्भुत रुप सज्जा करते हैं ब्रज वासी संग
सकल संसार के वासी । अलौकिक अनुपम सौंदर्य छबि बरनि नहीं जाई राधे
कृष्णा जी के रुप राशि।
तरु पल्लव पर्वत नदिया गाए गीत
मनाए शरद पूर्णिमा रास उत्सव मनाएं
गूंजे संगीत हरि बोल हरि बोल हरि बोल
कीर्तन-भजन करे सकल नगर वासी।
शंख बजाए जयकारे लगाते चले ढोल मृदंग
झांझर करताल बजाते चले निधि वन की ओर। गूंजे जयकारे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम हरे राम राम हरे हरे। नाचे ग्वाल बाल गोप कुमारी
गोपियन संग बजावे ढोल मृदंग करते चले फूलों के बारिश सकल नर नारी।
बताशे लुटाते चले जयकारे लगाते चले
निधि वन में महारास महोत्सव जागरण करे
तैयारी। श्री राधे रानी नाचे और नाचे घिरिधारी बनवारी। चंद्रमा की सोलह कलाएं
श्रृंगार करे पूनम की रात जागरण में राधे बिहारी।
झूमे नाचे और गाएं जागरण करत
बीते रात सारी। चंद्रमा करे अमृत वर्षा
आशीर्वाद पाए शरद पूर्णिमा महारास महोत्सव पर दुनिया सारी।
खीर प्रसाद बने अमृत जो पान करे
मनाए उत्सव रास बिहारी।
शरद पूर्णिमा पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां सबको।
जय जय श्री राधे कृष्णा कोटि-कोटि प्रणाम। भूल चूक माफ करो हे भगवान जी।
जय जय श्री हरि विष्णु जी।
- Anita Sinha