माना हर घर में झगड़े होते हैं
किसी के छोटे
तो किसी के बड़े होते हैं
मगर इन झगड़ों को इतना शर्मशार ना बनाइये
ख़ुद को सही जताने के चक्कर में
अपने घर की औरतों के चरित्र पर दाग ना लगाइए
ये झगड़े तो विचारों का खेल हैं
जो दो दिन में बदल जाएगा
मगर उस दाग को ये समाज
जीवन भर ना बुलाएगा
क्रोध की अग्नि में यूं किसी का
जीवन ना जलाइये
एक हस्ती खेलती औरत को
जिन्दा लाश ना बनाइये
🙏