सुनो आप जानती हूं मैं गलती मेरी थी
उस वक्त आंखों में पानी बहुत थी
और जुबां पर गुस्सा न चाहते हुए कही से तो आई थी
आपकी यादें और फिक्र जाने क्यों बेचैन कर जाते हैं
मैं , मैं न रहती उस वक्त ....
सच कहूं मैं? किसी दूसरे के साथ आपको बांट नही
सकती ....
खोने का डर आंखों में आहिस्ता से दिखने लगता है,
जिसे शब्दों में लिख नही सकती मैं .....
कहने को बहुत कुछ है मेरे पास.... पर खामोश होठों से कुछ कहने से इंकार करती ......!!
Manshi K