दिल दुखता हैँ मेरा
जब तुमसे मिलती हूँ
कहते हैँ ना किसी को ज़्यादा एहमियत देने से
वह इंसान आपकी इज़्ज़त करनी बंद करदेगा
सोचा मैंने ये तो एक कहावत हैँ
पर गुज़री खुद पर,तब एहसास हुआ कुछ कहावते सच्ची भी होती हैँ
- SARWAT FATMI

Hindi Shayri by SARWAT FATMI : 111949626
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now