ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ये जलते हुए घर किसके हैं
ये कटते हुए तन किसके है,
तकसीम के अंधे तूफ़ान में
लुटते हुए गुलशन किसके हैं
बदबख्त फिजायें किसकी हैं
बरबाद नशेमन किसके हैं
कुछ हम भी सुने, हमको भी सुना
कुछ हम भी सुने, हमको भी सुना
ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
किस काम के हैं ये दीन धरम
जो शर्म के दामन चाक करें
किस तरह के हैं ये देश भगत
जो बसते घरों को खाक करें
ये रूहें कैसी रूहें हैं
जो धरती को नापाक करें
आँखे तो उठा, नज़रें तो मिला
आँखे तो उठा, नज़रें तो मिला
ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
जिस राम के नाम पे खून बहे
उस राम की इज्जत क्या होगी
जिस दीन के हाथों लाज लूटे
उस दीन की कीमत क्या होगी
इन्सान की इस जिल्लत से परे
शैतान की जिल्लत क्या होगी
ये वेद हटा, कुरआन उठा.
ये वेद हटा, कुरआन उठा
ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
ये किसका लहू है कौन मरा
🙏🏻
- Umakant