तेरे हाथों वाली चाय
वो सपनो से भारी हमारी दुनियां
माना किस्मत मे कुछ और ही हैँ
तेरे पास होकर भी दूर हैँ
वक़्त का ही खेल हैँ जनाब
वरना मेरी सपनो की दुनियां
कुछ और ही होती
- SARWAT FATMI

Hindi Shayri by SARWAT FATMI : 111949266
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