सब भुलाने के बाद सुबह आई है!
कल की चिंता फिर मत करना यार!!
बीती कल,कल हररोज आती रहेगी !
हम अपनी खुशियाँ बाँटे, चिंता नहीं ll
- वात्सल्य

Hindi Shayri by वात्सल्य : 111949181
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