“तलाश “
अगर तलाश करुं कोई मिल जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझको चाहेगा
तुम्हें जरुर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो
मकान खाली हुआ है तो कोई आएगा
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा
तुम्हारे साथ ये मौसम फरिश्तों जैसा है
तुम्हारे बा’द ये मौसम बहुत सताएगा
💕
- Umakant