“रात कटती नहीं, दिन गुज़रता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है कि भरता नहीं
आँख वीरान है, दिल परेशान है
ग़म का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
ज़िंदगी देने वाले सुन
बेख़ता तूने मुझसे ख़ुशी छीनली
ज़िंदा रखा मगर ज़िंदगी छीनली
कर दिया दिल का खूँ
चुप कहाँ तक रहूँ?
साफ़ क्यों ना कहूँ?
तू खुशी से मेरी डर गया
ज़िंदगी देने वाले सुन”
🙏🏻
- Umakant

Hindi Song by Umakant : 111946024
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