मां सरस्वती वंदना।


विद्ये वेदांत वेद्यै स्तंभविद्यै हे देवि सरस्वत्यै
अहं करोमि त्वां चरणे कोटि-कोटि नमस्कारम्।

हे देवि मोक्ष दे मुक्ति मार्गे प्रशस्त कुरु में वरं देहि
ज्ञान कूटं जय विजयं सर्वत्रं यशं जग कल्याणं
जय मां शारदे शुभ्र हारे।

हे माते शारदे दिव्य स्वरुपे शशिधरे सुभगे
सुकोमले श्वेतांबरी सुयश सुमंगला कारिणे भव
भय हारिणे। दह दह बुद्धि जड़ता हारिणे सद्बुद्धि
प्रदायिने संसार सारे।

हे देवि सरस्वती नमस्तुभ्यं त्वं सर्व देवी मयो जगत्। सर्व जगत् महती नवल प्रभा प्रभात
दायिनी महामायै भद्रकाल्यै हे माते कवि वर रसना
सिद्धि साध्यै सरस्वत्यै मम कंठे वास कुरु।

विद्या स्थले सुस्वागतम् सुस्वागतम् सुस्वागतम्।
अत्र कमलासने आगच्छतु । विद्या धनं दानों
देहि मे । लेखनी लेखे विराजमान भव हे मातु
विद्या रुपिणी वीणा पाणिनी वीणा वादिनी
घोरे तिमिरांधकारे मम जीवने ज्ञान प्रकाशं
देहि मे।

तव कीर्ति गाने शब्दे सुधा रसं प्लावितं कवित्तं
कविता अभिनंदनितं त्वं चरणे स्वीकार कुरुं।

दास क्रीत दास अधम दास अनिता करोति वंदनम्
प्रणत नमामि नमनं त्वं चरणे भजामि नमनम्
हे देवि क्षमा दानं करोतु मे।

- Anita Sinha

English Religious by Anita Sinha : 111945713
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