मां सरस्वती वंदना।
भावों को प्रवाह दे हे मां शारदे। भावों को जगा दे हे मां शारदे। भावों की अधिष्ठात्री देवी हे मां शारदे
तुम्हें कोटि कोटि नमन करते हैं। तेरे चरणों में नत विनत होकर वंदन करते हैं हे मां शारदे। भावों की गंगा बहा दे हे मां शारदे। भावों की निर्झरणी बना दे हे मां शारदे। भावों में बसो हे मां शारदे। भावों का उद्गार दे हे मां शारदे। भावों का सागर तुम हो हे मां शारदे।
भावों को प्रकट करने की शक्ति दे हे मां शारदे।
भावों से तेरी पूजा करें हे मां शारदे। भावों में सक्रिय रहें हे मां शारदे। भावों से तेरी वंदना करें हे मां शारदे।
भावों से तेरी आरती करें हे मां शारदे। भावों में ना अवरोध उत्पन्न हो हे मां शारदे।
विमल मति दे हे मां शारदे। तमस हरो हे मां शारदे। कुमति निवार दो हे मां शारदे। सद्बुद्धि दे हे मां शारदे। बुद्धि समय पर काम करे हे मां शारदे।
भावों का वरदान दो हे मां शारदे। बुद्धि की जड़ता को दूर करो हे मां शारदे। बुद्धि को प्रखर बना दे हे मां शारदे। बुद्धि को हाजिर जवाब बना दे हे मां शारदे।
बुद्धि पर विराजो हे मां शारदे। मति विभ्रम दूर हो
हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे। धूप दीप और आरती करें हे मां शारदे। भूल चूक माफ करो हे मां शारदे। कृपा करो हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं हे मां शारदे।
सबल सजल नैन सजग सचेत निर्भय सदय रहे सदैव ।आवागमन दशकंठ शमित हो। त्रय ताप मिटे अम्ब विमल मति दे । सुख शांति समृद्धि सब दे।
जीवन नवल धवल उज्जवल बहे गंग जमुन जल धार बने शुभ संयोग कटे कष्ट क्लेश दुर्योग।
-Anita Sinha