दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में
मारा गया ग़रीब इस ही ऐतबार में
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नही आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नही आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
ना था मंजूर किस्मत को, ना थी मर्ज़ी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में, कमी थी क्या नज़ारों की?
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नही आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
खुशी से अपनी आँखों को मैं अश्कों से भीगो लेता
मेरे बदले तू हस लेती
मेरे बदले तू हस लेती, तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नही आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मिली है चाँदनी जिनको, ये उनकी अपनी किस्मत है
मुझे अपने मुक़द्दर से
मुझे अपने मुक़द्दर से फ़कत इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नही आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
💕