तेरी खातिर सितम दिल पे गवारा कर लिया मैंने
कहा किसने मुहब्बत से किनारा कर लिया मैंने
जो खुशी से चोट खाये,
वो जिगर कहाँ से लाऊं - २
किसी और को जो देखे,
वो नजर कहाँ से लाऊं - २
जो खुशी से चोट खाये
मुझे तेरी आरज़ू है,
मेरे दिल में तू ही तू है - २
बसे गैर जिसमें आ कर,
मैं वो घर कहाँ से लाऊं - २
जो खुशी से चोट खाये
तेरी बेरुखी पे सदके,
तेरी हर अदा पे कुर्बां - २
करे और को जो सजदे,
मैं वो सर कहाँ से लाऊं - २
जो खुशी से चोट खाये
वो जिगर कहाँ से लाऊं - २
🙏🏻