"जानकर भी अनजान "
एक न चली हमारी जग में
माया में फंस गए हैं
जानकर भी अनजान हैं हम
माया की गिरफ्त में हैं हम लोग
हम कहते हैं कि हमारे पीछे है माया
माया से लगाव रखते हैं
मोह माया की दुनिया में सब
कृष्ण को भूल गए हैं लोग
अपने स्वार्थ और अहंकार की दुनिया में
जी रहे हैं हम सब लोग
- कौशिक दवे
-Kaushik Dave