आसान नहीं होता है कभी कभी खुद को हंसाना ___कुछ यादों को भुला कर फिर से मुस्कुराना ___आंखों के नमी को झट से मिटाना__बहुत मुश्किल होता है अपनो से अपनी तकलीफें छुपाना ___जिंदगी हर मोड़ पर हमसे जीतना चाहती है , कुछ तकलीफों को देखकर सांसे मुख मोड़ना चाहती है ___बड़ी सयानी हो जाती है बचपन का वो दौर जब मुुश्किल घड़ी में खुद को पाते हैं __
-Manshi K