जाना है मुझे दुनिया पार
कोई रुतबा नही जहां
होता नही वहा कोई उच्च नीच का दर्जा
बस होता है तो एक सुकून का झरना वहां !
जाना है मुझे मंजिलों पार
कोई मंजिल नहीं जहां
होता नही वहा कोई मुस्किलो पर चलने का राह
बस होता है तो अपने होने का एहसास वहां !
जाना है मुझे देह पार
कोई शरीर नही जहां
होता नही वहा कोई दुख दर्द का निशान
बस होता है तो अपनी रूह के रूहानी होने का वजूद वहां
जाना है मुझे यादों के पार
कोई यादशात नही जहां
होता नही वहा बुरे कर्मो पर कोई भेदभाव
बस होता है तो मन की शांति का आराम वहां !!
जाना है मुझे हृदय पार
कोई रिश्ता या मोहब्बत नहीं जहां
होता नही वहा दूसरो से जुड़ने का लगाव
बस होता है तो खुद के होने का विश्वास वहां
जाना है मुझे समय पार
कोई वक्त का इंतजार नहीं जहां
होता नही कुछ हाथ से जाने का इंतजार
बस होता है खुद को सुखी करने का इरादा वहां .....
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