विषय - बस आप हो
जागती आंखों में आप हो,
रातों के ख्वाबों में आप हो।
दिल की हर धड़कन में,
झंकार करते,साज आप हो।।
सजने संवरने में आप हो,
पूर्ण श्रृंगार में आप हो।
आंखों की चमक के साथ,
चेहरे की मुस्कान में आप हो।।
दूर हो हमसे तो क्या हुआ,
हमारी यादों में साथ हो।
पास होते हो,जब भी हमारे,
तो सांसों में आप साथ हो।।
साथ है उम्रभर का हमारा,
उम्रभर के जीवनसाथी आप हो।
हर रूप में हैं स्वीकारा आपने,
इस प्रेम के,एकाधिकारी बस आप हो।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री