#Smile
ए जिंदगी... थोडा मुस्कुरा दे ना...!
ओ जिंदगी... थोडा मुस्कुरा ही दे ना...!
दब गई जो जीम्मेदारीयों के बोज तले...
उठाकर उस मुस्कुराहट को लगा गले...
बेबस ख्वाबों के परींदो को उडा दे...
बेडीयों में बंधे घरोंदो को जला दे...
बस थोडा ही सही मुस्कुरा दे... मुस्कुरा दे ना...!
गमों के धागों से इन होंठों को जो तुने सी रख्खा है...
रीहा कर इन होठों को... थोडा मुस्कुरा दे ना...
झुकी आंखों के अंदर दर्द का जहेर जो पी रख्खा है...
उस खारे पानी को बहा दे ना...
चैन मील जायेगा... थोडा मुस्कुरा दे ना...!
माना की वक्त का सीतम है बेहद...
उफफ...ये रस्मो रिवाजों की सरहद...
मगर कुछ देर इन सीमाओं से परे होके...
सोच से दूर जाके...
जो साथ है उन खुशीयों के पलों को लेके...
हौंसलो के परोंँ से... उम्मीदों के भरोसे...
उस खुले आसमान को होके...
चल... प्यार के जहाँ में चलते है...
बडा सुकुन मिलेगा... अब मुस्कुरा भी दे ना...!
Dk’s world…