... जो तेरे संग बीती वो बाते कुछ और ही थी ,
अब जो तेरे बगैर चल रही है,
वो बाते और सांसे कुछ और है।
तुझे पाने का हक तो नही था,
मगर सुकून के पल बहुत थे,"तुम्हे" अपना मानकर।
हम जब किसी व्यक्ति को अपने जीवन में होने की ,
अपेक्षा रखते है,
तब जीवन का खिलने अहसास कुछ और ही होता है।